मोहम्मद बिन कासिम, और राजकुमारी सूर्यादेवी की चालबाजी
सन 715 ई.दमिश्क के राजपथ पर सत्रह और सोलह वर्ष आयु की दो बालिकाओं को घोड़े में बांध कर घसीटा जा रहा था। घोड़े जब उछलते तो दोनों बालिकाओं का शरीर हवा में उछल जाता, और फिर धड़ाम से भूमि पर गिरता। दोनों का शरीर पीड़ा से चीख उठता, पर दोनों के मुख पर एक अद्भुत मुस्कुराहट पसर जाती, गर्व से उनका मस्तक चमक उठता। धीरे धीरे दोनों की मुस्कान मंद होने लगी, शरीर निस्तेज होने लगा। कुछ पल पश्चात दोनों के शरीर निर्जीव हो गए। मृत शरीरों को कुत्तों के आगे फेंक दिया गया, वे माँस नोच कर खाने लगे...
उसी पल दमिश्क से दूर भारत में सिन्धु नदी का दो बूंद जल नमकीन हो गया... इतिहास जाने कौन रोया था।==============सिन्धु नरेश दाहिर के दो पुत्र जयसिंह और जयवर्धन ब्राह्मणवाद और आरोर पर शासन करते थे। रावर के युद्ध में महाराज दाहिर की पराजय के बाद मोहम्मद बिन कासिम ब्राह्मणवाद की ओर बढ़ा। ब्राह्मणवाद में जयसिंह की स...........
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