Lord Mcaulay and Britishers in India
लॉर्ड मैकाले के भाषण का एक अंश
आईये देखें कि सन 1835 में मैकाले भारत के बारे में क्या सोचते थे...
इसी नीति के तहत अंग्रेजों ने भारतीयों विशेषकर हिन्दुओं के मन में उनकी संस्कृति, उनके आचार-विचार, उनके रहन-सहन आदि के बारे में हीनभावना भरने की शुरुआत की और इसमें वे काफ़ी हद तक सफ़ल भी रहे । भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, हिन्दुओं के भगवानों, उनके चिन्हों का मखौल उडाना, हिन्दू राजाओं को नाकारा बताना आदि इसी कडी़ का हिस्सा हैं..और अब राम जन्मभूमि पर प्रश्न उठाना, भारत-श्रीलंका के बीच बने राम-सेतु को तोडना, क्रॉस के चिन्ह वाले सिक्कों का प्रचलन शुरु करवाना आदि कई कदम उठाये जा रहे हैं...अंग्रेजों के ही मानस पुत्र "वामपन्थी" भी भारत, भारतीय संस्कृति, हिन्दुत्व के बारे में दुष्प्रचार करने में लगे हुए हैं...लेकिन वे कभी सफ़ल नहीं होंगे.. (...........
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